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अजमेर शहर को रेबीज मुक्त करने हेतु रेबीज सिटी टास्क फोर्स की बैठक का हुआ आयोजन

अजमेर : 24 जुलाई 2024 

 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रॉबिंस सिटी टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक मे नगर निगम के सेकेट्री श्याम जागिड़, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ज्योत्सना रंगा उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आर एस किराडिया एवं टओलफ अजमेर से मिस रचेल राइट, डॉक्टर कुलदीप, राधेश्याम व अन्य सदस्य मौजूद रहें। 

बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के जिला सलाहकार जितेंद्र हरचंदानी द्वारा रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया जिसमें उन्होंने बताया कि रेबीज रोग कुत्ते, बिल्ली, बंदर,चमगादड़ आदि स्तनपाई लार वाले जानवरों के काटने से फैलता है। इसका उपचार रॉबिंस वैक्सीनेशन द्वारा किया जाता है। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ज्योत्सना रंग ने बताया कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है। उन्होंने बताया कि who द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में रैबीज से होने वाली मौत 36% हैं जो काफी अधिक हैं।  

उन्होंने बताया कि कुत्ते, बंदर बिल्ली व आदि जानवरों के काटने से रेबीज होने का खतरा रहता है , उन्होने ने बताया कि जैसे ही किसी व्यक्ति को कोई जानवर काटता है उसे तुरंत रेबीज के वैक्सीनेशन करवा लेना चाहिए ताकि भविष्य में रेबीज होने की संभावना नहीं रहे। उन्होंने बताया कि रेबीज एक वायरस है जो कि संक्रमित जानवर की लार में मौजूद रहता है। भारत में अधिकतर रेबीज के केस आवारा कुत्तों के काटने के पाए जाते हैं। इसके अलावा बंदर कुत्ता,बिल्ली, चमगादड़ आदि लार वाले जानवरों के काटने से रेबीज होने की संभावना रहती है,रेबीज एक वायरल रोग है जोकि रेबीज के वायरस द्वारा होता है रेबीज के लक्षण 5 से 10 दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इसमें व्यक्ति की गतिविधियां बहुत अधिक हो जाती हैं सांस लेने लगता है,बुखार,उल्टी,चक्कर आना, गले में दर्द रहना व पानी से डरने लगता है,साथ ही धीरे-धीरे वह कोमा में चला जाता है,और उसके बाद उसकी मृत्यु हो जाती है। इसको रोकने के लिए किसी भी लार वाले जानवर के काटने पर तुरंत रेबीज के वैक्सीनेशन करवाएं उन्हें जानकारी दी कि रेबीज के वैक्सीनेशन जानवर के काटे जाने के प्रथम दिन(जीरो डे) उसके पश्चात 3 दिन एवं उसके पश्चात 7 दिन 14 दिन 28 वे दिन रेबीज के टीकाकरण किया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी जानवर के काटने पर जख्म पर तेल, मिर्ची मिट्टी आदि ना लगाएं उसे तुरंत पानी और साबुन से अच्छी तरह धो लें ताकि जख्म से वायरल लोड कम हो सके एवं उसके तुरंत बाद डॉक्टर की सलाह लें एवं वैक्सीनेशन समय पर कराएं।

इस बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 3 वर्षों में अजमेर शहर में डॉग बाइट व एनिमल बाइट के आंकड़ों के बारे में बताया गया उन्होंने बताया कि पिछले 2022 से जुलाई 2024 तक 7292 डॉग बाइट व 775 ऑथर एनिमल बाइट अजमेर सिटी में रिपोर्ट किए गए हैं। 

किसी प्रकार नगर निगम के सेक्रेटरी श्याम जागिड़ ने बताया कि बताया कि कई वर्षों से आवारा शवान के नसबंदी व रॉबिंस वैक्सीनेशन का कार्य नगर निगम द्वारा किया जा रहा है उन्होंने बताया कि 2020 से जुलाई 2024 तक 10212 शवान का टीकाकरण व नसबंदी की कई है। साथ ही उन्होंने बताया कि आमजन को जो शवान उनके आस पास रहते हैं उन से अच्छा व्यवहार रखना चाहिए आवारा पशुओं और शवान को खासकर के परेशान नहीं करना चाहिए नहीं तो वह चिड़चिड़ा हो जाते हैं और मनुष्यों पर हमला करते हैं।

उन्होंने बताया कि जब शवान खाना खा रहा हो या अपने बच्चों को दूध पिला रहा हो वह उस समय सबसे ज्यादा उत्तेजित होता है। उसे उस समय बिल्कुल भी परेशान नहीं करना चाहिए नहीं तो वह ऐसे में हमला कर देता है।

इसी के साथ टओलफ से आए प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने कुछ जानकारी हेतु प्रोग्राम तैयार किए हैं जो वह स्कूलों में जाकर बच्चों को बताते हैं कि आवारा पशु एवं शवानो से कैसे दूर रहना चाहिए और अगर वह काट ले तो क्या करना चाहिए

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