78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम हॉल, पूसा परिसर में FPO, पीएम किसान सम्मान निधि और पीएम फसल बीमा योजना के लाभार्थियों के सम्मान समारोह एवं “राष्ट्रीय नाशीजीव (कीट) निगरानी प्रणाली” का शुभारम्भ कार्यक्रम केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजन हुआ।
सम्मान एवं शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि आज का यह दिन हमारे देश के गौरव, स्वतंत्रता और आत्मसम्मान का प्रतीक है, और इस अवसर पर, उन सभी महान आत्माओं को नमन करता हूं जिन्होंने इस देश को स्वतंत्रता दिलाई।
आज हम अपने उन किसानों का भी सम्मान कर रहे हैं, जो दिन-रात मेहनत कर इस धरती को सोना उगलने वाला बना रहे हैं। हमारे किसान न केवल हमारी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश की समृद्धि और स्थायित्व के भी स्तंभ हैं। वे हमारे समाज के वो असली नायक हैं जिनकी निष्ठा और तपस्या ने इस राष्ट्र को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाया है।
हमारे देश की कृषि का इतिहास अत्यंत समृद्ध है। प्राचीन काल से ही हमारी भूमि कृषि की विभिन्न विधियों का केंद्र रही है। लेकिन, बदलते समय के साथ, हमें अपनी कृषि पद्धतियों को भी आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ना पड़ा है। हमारी सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है ताकि हमारी कृषि को टिकाऊ, लाभकारी और जलवायु के अनुकूल बनाया जा सके।
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हमारे किसानों को सशक्त बनाना, देश को सशक्त बनाना है। हमने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम-किसान) जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उनकी आय में सुधार हुआ है। इसके अलावा, हमने 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना की है, जो किसानों को संगठित होकर अधिक लाभ प्राप्त करने में सहायक हैं।
हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी, और किसानों की उपज की सीधी खरीद जैसी योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाखों किसानों को बीमा सुरक्षा प्रदान की गई है, जिससे उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के समय में राहत मिलती है।
हमारी सरकार ने कृषि में तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा दिया है। ड्रोन तकनीक, सटीक खेती, और स्मार्ट सिंचाई जैसी पहलें हमारे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। इसके साथ ही, हमने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सीमा को भी बढ़ाया है, जिससे किसानों को खेती के लिए आवश्यक ऋण प्राप्त करने में सुविधा हो रही है।
लेकिन यह केवल आर्थिक और तकनीकी प्रगति तक सीमित नहीं है। हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि हमारी कृषि पर्यावरण के अनुकूल हो। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए, हमारी सरकार ने जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। हम किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़े और पानी की खपत कम हो।
आज जब हम अपने स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मना रहे हैं, तो हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारे किसान न केवल हमारे देश के लिए भोजन उत्पादन कर रहे हैं, बल्कि वे हमारे समाज की रीढ़ भी हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस देश को आत्मनिर्भर बनाया है।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी का संकल्प है कि इस देश का अन्नदाता किसान समृद्ध और खुशहाल हो तभी हमारा देश विकसित राष्ट्र बन सकता हैं।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। हम उनकी समस्याओं को सुनेंगे, उन्हें समाधान देंगे, और उनकी मेहनत का सही मूल्य देंगे।
कृषि में नवीनता, स्थिरता और समृद्धि लाने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि हर किसान का जीवन बेहतर बने, और हमारा देश कृषि में विश्व का नेतृत्व करे।
इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, सहित अधिकारी, वैज्ञानिक एवं सेकड़ो प्रगतिशील किसान बंधु भी मौजूद रहें।