सिन्धी भाषा व साहित्य विकास के लिए बढ़ाएं गतिविधियां-देवनानी
सिन्धु शोधपीठ की बैठक आयोजित
अजमेर : 7 सितम्बर
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सिंधी भाषा एवं साहित्य का एक विपुल इतिहास रहा है। भाषा, वर्तनी एवं संस्कृति के दृष्टिकोण से सिन्धी सभ्यता बेहद समृद्ध है। इसे युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हमें और अधिक प्रयास करने होंगे। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की सिन्धु शोध पीठ अपनी गतिविधियों को और बढ़ाए तथा आमजन तक पहुंचाएं।
सिन्धी भाषा के विकास के लिए राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली एवं महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की सिन्धु शोध पीठ के बीच हुए एम.ओ.यू. के प्रावधानों के तहत गठित निगरानी समिति की बैठक शनिवार को सम्पन्न हुई। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के विशेष आमन्त्रिात सदस्य के रूप में भाग लिया। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देवनानी ने कहा कि सिन्धी भाषा का एक समृद्ध एवं विपुल इतिहास रहा है। हमे इस भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है । सिन्धु शोध पीठ अपनी गतिविधियों का और अधिक प्रचार-प्रसार करे।
उन्होंने कहा कि सिन्धु शोध पीठ अपना नियमित कैलेण्डर बनाए। इस कैलेण्डर में वर्ष भर की गतिविधियां शामिल हो। इन गतिविधियों से आमजन को जोड़ा जाए। अजमेर सहित विभिन्न स्थानों पर सिन्धु शोध पीठ अपनी गतिविधियों का आयोजन करे। सिन्धु शोध पीठ अपनी नियमित पुस्तिका का प्रकाशन करे। इसमें विषय विशेषज्ञों के लेख प्रकाशित किए जाएं। महापुरूषो से सम्बन्धित लेखों का प्रकाशन हो। सिन्धु शोध पीठ में खाली पड़े पदों को यथा शीघ्र भरा जाए।
बैठक में कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला, निदेशक सुभाष चन्द एवं विशेषज्ञों ने अपने सुझाव रखे। इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुकूल पठन-पाठन, आयोजन तकनीक का उपयोग, सक्रियता बढ़ाने एवं अन्य सुझाव शामिल रहे। बैठक में रजिस्ट्रार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।