चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि अंगदान मानवता की सेवा एवं समाज के लिए सर्वोच्च योगदान है। जीवनदान से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता। यह गर्व की बात है कि अल्प समय में ही राजस्थान ने अंगदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए कीर्तिमान बनाए हैं। प्रदेश में अंगदान को लेकर जो जनचेतना विकसित हुई है, उससे राजस्थान का गौरव बढ़ा है। अंगदान की ऑनलाइन शपथ में राजस्थान अव्वल है।
खींवसर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित अंगदान जागरूकता अभियान एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अंगदाताओं के परिवारों को सम्मानित करते हुए कहा कि ये परिवार अंगदान के क्षेत्र में रोल मॉडल हैं, जिन्होंने अपार दुःख की घड़ी में अपने परिजन के अंगदान करने का साहसिक फैसला किया है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि विगत दिनों प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी का मामला सामने आया तो अंगदान का कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में सख्त एक्शन लिया और नई कमेटियांे का गठन किया। कई बाधाओं के बावजूद प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण का अभियान फिर मजबूती से खड़ा हो रहा है। हम इस मुहिम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पुरजोर प्रयास सुनिश्चित करेंगे।
अंगदान अभियान अब जनअभियान: अतिरिक्त मुख्य सचिव
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान में अंगदान का अभियान अब केवल राजकीय कार्यक्रम नहीं होकर जनअभियान बन चुका है। इस अभियान में लगातार बढ़ती जनभागीदारी इस बात का प्रमाण है कि आने वाले समय में राजस्थान अंगदान के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल करेगा। उन्होंने बताया कि विगत 6 माह में ही प्रदेश में 6 कैडेवर ट्रांसप्लांट हो चुके हैं, जबकि पिछले पूरे वर्ष में 5 ट्रांसप्लांट हुए थे।
सिंह ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 3 अगस्त को दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में राजस्थान को अंगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ आईईसी गतिविधियों हेतु सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के मोहन फाउण्डेशन को अंगदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए बेस्ट एनजीओ का अवार्ड प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अंगदान में आगे ले जाने के लिए इससे जुडे़ सभी अधिकारी, संस्थाएं एवं प्रदेश की जनता साधुवाद की पात्र हैं। जनसहभागिता से ही प्रदेश में इस कार्यक्रम को नए आयाम मिले हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि व्यापक जनजागरूकता अभियान से अंगदान को लेकर भ्रांतिया एवं मिथक दूर हो रहे हैं और प्रदेश के पिछडे़ क्षेत्रों के लोग भी अंगदान की मुहिम से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंग मिलने की प्रतीक्षा में जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर ऐसे प्रयास करने चाहिए कि बडे़ शहरों के साथ-साथ भविष्य मंे निचले स्तर तक अंगदान और अंग प्रत्यारोपण का कार्य संभव हो सके।
अंगदाता के परिजनों को किया सम्मानित
चिकित्सा मंत्री ने झालावाड़ के किठिया डग निवासी अंगदाता स्व. भूरिया जी के परिजनों एवं जोधपुर के स्व. विक्रम जी के परिजनों को अंगदान के लिए सम्मानित किया। साथ ही, धौलपुर निवासी स्व. अजितपाल जी, बाड़मेर निवासी स्व. अनिता के परिजनों को वीसी के माध्यम से सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश के स्व. माणकलाल, गुजरात के स्व. शुक्ला तेजस उपेन्द्र कुमार के परिजनों को डाक द्वारा प्रशस्ति पत्र भेजकर सम्मानित किया।
श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इन जिलों को मिला सम्मान
अंगदान की ऑनलाइन शपथ लेने में डूंगरपुर जिले के मेडिकल कॉलेज प्रिसिंपल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंध इकाई को प्रथम स्थान, जयपुर प्रथम एवं द्वितीय को दूसरा, सीकर को तीसरा, झुंझुनूं जिले को चतुर्थ स्थान एवं राजसंमद जिले को पांचवां स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार अंगदान के लिए झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एवं एम्स जोधपुर को भी सम्मानित किया गया। राजस्थान में अंगदान जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका के लिए स्वयंसेवी संस्था मोहन फाउंडेशन सिटीजन फोरम जयपुर, रेडक्रॉस सोसायटी जयपुर ब्रांच एवं स्वयंसेवी संस्था शाइन इंडिया कोटा को सम्मानित किया गया। इस दौरान अंगदान विषय पर तैयार किए गए पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल एवं सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। समारोह में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत राणावत, अतिरिक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा पंकज ओझा, समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता सहित अंगदान से संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त निदेशक खाद्य सुरक्षा डॉ. एसएन धौलपुरिया ने किया। समस्त मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पताल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी एवं संस्थाएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस सम्मान समारोह से जुड़े।