फैषन व मॉर्डन वाले आज के दौर में युवक-युवतियों में टैटू बनवाने का क्रेज काफी अपने चरम पर है और युवक-युवतियां स्टाइलिश व कूल दिखने के लिए शरीर के अलग-अलग भागों पर टैटू बनवाने का आज के युवा पीढ़ी के लिए फैशन जैसा बनता जा रहा है, लेकिन अगर आप कई टैटू बनवाने जा रहे है तो हो जाइये सावधान, क्योंकि हाल ही में उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के 10 जिलों में 40 लोग ऐसे मिले हैं, जो टैटू बनवाने के बाद भ्प्ट संक्रमित हो गए। इसमें 26 ऐसे लोग थे, जिन्होंने सड़क किनारे टैटू बनाने वाले आर्टिस्ट से टैटू बनवाया था, यह आंकडे एक डिजिटल समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार हम यह आंकडे आपको बता रहे है।
वैसे तो हिन्दुस्तान में टैटू बनवाने की परंपरा पुरानी नही है, सदियों पहले भी महिलाएं व पुरूष जाति धर्म सहित अपने पति के नाम या ओम के टैटू गांवों में लगने वाले छोटे मोटे मेलें में बनवाए जाते है, पहले इसे गुदना या गोदना कहा जाता था और प्राचीन भारतीय परंपरा में टैटू अलग-अलग जनजातियों की निशानी हुआ करती थी। लेकिन आज के इस फैषन व मॉर्डन वाले दौर में कोई किसी चाहने वाले का नाम लिखवा रहा है तो कोई कुछ और टैटू बना रहे है। वैसे तो आप अपनी इच्छा और बजट के मुताबिक कोई भी टैटू बनवा सकते हैं। लेकिन अगर आप सस्ते के चक्कर में किसी चौक-चौराहे या मेले में टैटू बनवाने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसे टैटू बनवाना खतरनाक भी हो सकता है।
इसलिए हो सकता है खतरा- कई बार टैटू बना रहे लोग पुरानी इंक का इस्तेमाल करते हैं। पुरानी रखी हुई इंक में बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इससे स्कीन इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता है। जब आप अनप्रोफेशनल टैटू आर्टिस्ट से टैटू बनवाते हैं तो इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि वे ज्यादातर पुरानी और पहले इस्तेमाल की जा चुकी नीडल का प्रयोग कर सकते हैं।
अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में चर्म रोग विषेषज्ञ डॉ हेमचंद ने मरूधरा टुडे के माध्यम से बताया कि टैटू बनवाने से कई प्रकार की स्कीन एर्ल्जी व कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। आइए देखते है, क्या कहा डॉ हेमचंद।
डॉ हेमचंद, चर्म व यौन रोग विषेषज्ञ, जेएलएन अस्पताल अजमेर।