अजमेर: 27 जुलाई
भारत सरकार के केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने आज अजमेर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि
केंद्रीय बजट 2024-25 में एमएसएमई को ₹100 करोड़ तक के लोन पर गारंटी मुक्त ऋण, न्यू टैक्स रिजीम में ₹3 लाख तक की कमाई पर टैक्स में छूट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 2029 तक बढ़ाया गया है। कैंसर की दवाओं और मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी में कटौती से राहत मिलेगी। राजस्थान के लिए भी बजट में कृषि, रोजगार, महिला, युवा और गरीबों पर ज़ोर दिया गया है। राजस्थान के लिए कोई अलग से ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन बजट में की गई कई घोषणाओं का असर राज्य के लोगों पर भी पड़ेगा
केंद्र से राजस्थान को इस बार टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 73,504 करोड़ रुपए मिलेंगे
राजस्थान के करोड़ों लोगों को 5 साल तक मिलेगा राशन फ्री
केंद्रीय बजट में राजस्थान के 4.46 करोड़ लोगों को अगले 5 साल तक फ्री राशन योजना का लाभ मिलता रहेगा। केंद्र सरकार ने यह योजना कोरोना काल में शुरू की थी। खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त राशन की स्कीम चलाई जा रही है। सरकार कोरोना काल से 80 करोड लोगों को हर माह मुफ्त राशन देती आई है। मंगलवार को बजट में मोदी सरकार ने इस योजना को फिर से एक्सटेंशन देने की बात साफ कर दी। इसे 5 साल और बढ़ा दिया है, यानी अब लोगों को 5 साल तक इस योजना का लाभ मिलता रहेगा।
चार जातियां गरीब, महिला, युवा और किसानों को माना है। उनका कहा कि इन्हीं जातियों को ध्यान में रखते हुए यह बजट तैयार किया गया। इस बजट को लेकर उन्होंने 9 प्रमुख प्राथमिकताएं भी बताई। उन्होंने कहा कि बजट 2024 की थीम रोजगार,
स्किलिंग, MSME, मिडल क्लास पर आधारित है।
कृषि क्षेत्र में राजस्थान दाल का बड़ा उत्पादक है। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दलहन और तिलहन के लिए नए मिशन की घोषणा की है। इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और मार्केटिंग के लिए विशेष प्रयास करने का ऐलान किया। इसका बड़ा फायदा राजस्थान को मिलेगा।
5 साल में 20 लाख युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने की योजना शुरू करने की घोषणा भी की है। इससे प्रदेश के युवाओं को भी फायदा मिलेगा।
केंद्रीय बजट में राजस्थान को नया इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट देने की घोषणा की गई है
राजस्थान का देश में दलहन में दूसरा और तिलहन में तीसरा-चौथा स्थान है। हर साल 80 लाख दलहन का उत्पादन करता है। वहीं 82 लाख टन तिलहन का उत्पादन करता है। 60 लाख टन सरसों की पैदावार हर साल होती है। राजस्थान सरसों उत्पादन में देश में नंबर-एक पर है। ऐसे में इस घोषणा का फायदा प्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा होगा। किसान की उत्पादकता बढ़ेगी तो उसकी आय में भी वृद्धि होगी।