सिन्धु शोध पीठ, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर द्वारा क्रान्तिवीर शहीद हेमू कालानी बलिदान दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
अजमेर : 21 जन. 2025
सिन्धु शोध पीठ, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर द्वारा क्रान्तिवीर शहीद हेमू कालानी बलिदान दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन स्थित उपनिषद् सभागार में किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रो. हासो दादलानी, सेवानिवृत आचार्य, सिन्धी विभाग, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने कहा कि शहीद हेमू कालानी ने देश की आजादी की लड़ाई में इतनी कम उम्र में ही अपने प्राणों का बलिदान दिया। सच्ची देशभक्ति व साहस से शहीद हेमू कालानी ने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिला कर रख दीं। अंग्रेजों के संपूर्ण भारत पर आधिपत्य के विरूद्ध जनक्रान्ति में सकारात्मक भूमिका निभाकर अपने उत्तरदायित्व की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नवीन अध्याय की रचना की। हेमू कालानी के बलिदान के समाचार से सारे सिन्ध में क्रान्ति की ज्वाला चारों ओर फैलने से राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने की भावना ने अनेक युवकों को स्वतंत्रता आन्दोलन की नई दिशा दी।
प्रो. सुभाष चन्द्र, निदेशक, सिन्धु शोध पीठ, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रान्तिवीर शहीद हेमू कालानी समाज के युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। 21 जनवरी 1943 को सुबह क्रान्तिवीर हेमू कालानी को सक्खर सेन्ट्रल जेल में सूली स्थल पर लाया गया तब उनका वजन 7 पाउंड बढ़ा हुआ पाया गया। सच्चे देश भक्त 19 वर्षीय युवा हेमू कालानी ने हंसते-हंसत फांसी के फंदे को चुमकर अपने गले में डाला। “इंकलाब जिंदाबाद” एंवम्” भारत माता की जय” के जय घोष से जेल की मजबूत दीवारें भी कांप उठी थी। इस प्रकार शहीद हेमू कालानी ने ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनके बलिदान दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के बारे जानने का अवसर मिलता है। शहीदों के राष्ट्रप्रेमी जीवन व देशभक्ति की भावना को जीवन में ग्रहण करना ही शहीद हेमू कालानी को सच्ची श्रद्धांजलि है।
डा. सी.पी. दादलानी, विभागाध्यक्ष, सिन्धी विभाग, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने अपने उद्बोधन में शहीद हेमू कालानी की जीवनी पर प्रकाश डाला व कहा कि भारत की आजादी में सिन्ध के नागरिकों ने न केवल आहूतियां दीं, सीने पर गोलियों की बौछार सही, साथ ही अमर शहीद हेमू कालानी आजादी की लड़ाई में शहीद होकर हमेशा के लिए अजर-अमर हो गये। लिपियों का ज्ञान रखने वाले नरेन्द्र सिंह सिंहल, सेवानिवृत्त अध्यापक ने शहीद हेमू कालानी को देश का महान सच्चा सपूत बताया। संगोष्ठी कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा शहीद हेमू कालानी के जीवन पर रचित कविता का वाचन किया गया।
कार्यक्रम में प्रो. सुब्रतो दत्ता, प्रो. शिव प्रसाद, सिन्धी विभाग स.पू.राचौ. राजकीय महाविद्यालय, अजमेर की डा. पुष्पा कोडवानी, मनोज चन्दानी एंवम् शोधार्थी प्रकाश तेजवानी सहित विश्वविद्यालय एवं स.पू.रा.चौ. राजकीय महाविद्यालय, अजमेर के विद्यार्थी उपस्थित रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डा. विवेक शर्मा ने किया ।