“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर विद्यार्थी का अधिकार है” – मंत्री सुरेश सिंह रावत
Mohit Jain
“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर विद्यार्थी का अधिकार है” – जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत
अजमेर : 26 जुलाई 2025
जल संसाधन मंत्री एवं पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने शनिवार को हुकुमचंद बीएड कॉलेज बीर दांता में आयोजित प्रधानाचार्य अजमेर ग्रामीण वाकपीठ संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक संसाधन और हर छात्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कहा कि “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर विद्यार्थी का पहला अधिकार है।” उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसी भी विद्यालय में बच्चों के लिए भौतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। सभी विद्यालयों में उन्नत लाइब्रेरी, विज्ञान गणित, बायो लैब और ओपन जिम की प्रभावशाली व्यवस्था की जाएगी ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे शिक्षण को सिर्फ एक कार्य नहीं, बल्कि एक गुणवत्तापूर्ण और प्रेरणादायक प्रक्रिया के रूप में अपनाएं।
रावत ने संगोष्ठी की सराहना करते हुए एक विशाल वृक्षारोपण अभियान की घोषणा की जिसमें 10,000 बड़े पौधे वितरित किए जाएंगे। इस पहल को हर विद्यालय के परिसर को हरा-भरा और शुद्ध वातावरण वाला बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश कटारा ने जल संसाधन मंत्री रावत, प्रधान प्रतिनिधि अर्जुन सिंह एवं उप प्रधान प्रतिनिधि बद्री गुर्जर का माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अजमेर ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यालयों के शैक्षिक व भौतिक विकास हेतु वे हमेशा समर्पित रहेंगे।
विज्ञापन
वाकपीठ संगोष्ठी के अध्यक्ष सत्यनारायण वैष्णव ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि मंत्री रावत के निर्देशन में अजमेर ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में जल्द ही राज्य में अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा।
मंत्री श्री रावत ने किया “विमर्शार्थ'” शोध पत्रिका का विमोचन
जल संसाधन मंत्री, राजस्थान सरकार, सुरेश सिंह रावत द्वारा हुकुमचंद नोबल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी कॉलेज के निदेशक-डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा व प्राचार्य डॉ. रीता पारीक की ‘विमर्शार्थ’ शोध पत्रिका का विमोचन किया गया।
मंत्री सुरेश सिंह रावत ने इसे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रयास बताया व शुभकामनाएं दी। मंत्री रावत ने कहा कि यह शोध पत्रिका शैक्षिक क्षेत्र में नवाचार के द्वारा सकारात्मक शैक्षिक उन्नयन का कार्य सम्पन्न करेगी। डिजिटल युग में नयी शिक्षा नीति को अपनाकर शिक्षक अपने विचारों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य के साथ जोड़कर अपने आलेख दें तो ये शिक्षा के क्षेत्र में और भी सार्थक सिद्ध हो सकते हैं।
सचिव एवं प्रधानाचार्य रश्मि व्यास (रामपुरा नांद) द्वारा मौके पर पौधों का वितरण किया गया।
रामविलास जांगिड़, सीमा खंडेलवाल, विनोद मोतियानी, प्रेम शंकर, राजकुमार चतुर्वेदी, सीमा शर्मा, जूली त्रिपाठी, सुमन चौहान, सीमा अग्रवाल, मुकेश कुमार सहित 80 से अधिक प्रधानाचार्य इस विचारशील संगोष्ठी में सम्मिलित रहे। कार्यक्रम का संचालन वर्तिका शर्मा द्वारा किया गया।
यह संगोष्ठी न केवल शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए प्रेरणा का केंद्र बनी, बल्कि क्षेत्र में शिक्षा के सुनहरे भविष्य की आधारशिला भी सिद्ध हुई।