डबल इंजन, गौरक्षक, गोपालक सरकार से किसानों को दुग्ध संबल राशि बढ़ाने की है उम्मीद -चौधरी
बजट पर डेयरी अध्यक्ष ने रखी अपनी बात
पशुपालक क्रेडिट कार्ड योजना के सरलीकरण की मांग
अजमेर : 31 जन. 2025
अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने राज्य सरकार द्वारा आगामी दिनों में पेश किए जाने वाले आम बजट पर अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ गौरक्षक एवं गोपालक एवं डबल इंजिन सरकार से दुग्ध उत्पादकों एवं किसानों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना राशि में बढ़ोतरी की उम्मीद है। लगभग 6 वर्ष पहले संबंलन राशि दो रुपए से बढ़कर ₹5 लीटर की गई थी। राज्य सरकार द्वारा पशुपालक क्रेडिट कार्ड की घोषणा कर 5 लाख पशुपालकों को लाभान्वित करने की बात कही जो अभी तक भी अधूरी है, राज्य सरकार को बजट में नस्ल सुधार के लिए भी बजट आवंटित किया जाना चाहिएl पशुपालकों को सेक्स सॉर्टेड सीमन निशुल्क उपलब्ध करवरकर नस्ल सुधार को शत प्रतिशत लागू किया जाना चाहिएl संचालक मंडल में जनप्रतिनिधियों को भी महत्व प्रदान किया जाना चाहिए वही जिला समूह में राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म किया जाना चाहिएl चौधरी ने कहा कि तमिलनाडु की तर्ज पर प्रत्येक किसान जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उसे एक कामधेनु गाय उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, जिससे गोधन दुग्ध उत्पादन में इजाफा हो सके। राज्य सरकार ने गत वर्ष गोपालक गाय खरीद योजना में 5 लाख का लोन बिना ब्याज उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक 500 किसान भी इससे लाभान्वित नहीं हो सके, इस योजना की जटिल प्रक्रिया होने के कारण यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। सरकार को इस योजना की नियमावली आवेदन प्रक्रिया वी निर्धारित मापदंड को सरल किया जाना चाहिएl इसी प्रकार पशुपालक क्रेडिट कार्ड योजना के नियमों में भी शिथिलकरण किया जाना चाहिए ।
पंचायत समिति स्तर पर बने गौशाला-
चौधरी ने कहा कि पंचायत समिति स्तर पर गौशालाएं नहीं होने से इसकी क्रियान्वती नहीं हो पा रही है। जिससे बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते रहते हैं, जिसे दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती हैंl सरकार को पंचायत समिति स्तर पर गौशाला खोलने का काम भी करना चाहिएl
कांग्रेस सरकार द्वारा गौशालाओं का अनुदान 6 माह से 9 माह फिर 12 माह कर दिया गया, लेकिन गौशालयों के अभाव में अभी भी बिसरा पशुओं की सुरक्षा व संरक्षण का अभाव बना हुआ है।
रिक्त पदों पर लोक सेवा आयोग के मार्फत हो भर्ती –
चौधरी ने कहा कि डेयरी में काफी समय से टेक्नोक्रेट सहित अनेक रिक्त पद पड़े हैं। इसके लिए महज 500 पद पर भर्ती निकाली गई, लेकिन पारदर्शिता के अभाव में योग्य टेक्नोक्रेट व अन्य कर्मचारी नहीं मिल पाए l इसमें चयनित हुए 100 से अधिक कर्मचारी काम छोड़ कर चले गए। चौधरी ने कहा कि डेयरी में भर्ती प्रक्रिया लोक सेवा आयोग के माध्यम से करवाया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता के साथ योग्य टेक्नोक्रेट व अन्य तकनीकी कर्मचारी डेयरी को मिल सके, प्रदेश में डेयरी क्षेत्र में लगभग 3000 पद रिक्त हैं, इस पर सरकार को इस बजट में विचार करना चाहिए ताकि दुग्ध क्रांति को आगे बढ़ाया जा सकेl
डेयरी क्षेत्र पहुंचा दूसरे पायदान पर –
चौधरी ने कहा कि पशुपालकों के लिए ठोस योजना नहीं होने व जो योजना बनाई जा रही उसकी सही क्रियान्वित नहीं होने से एक वर्ष में ही प्रदेश डेयरी क्षेत्र मे जहां प्रथम स्थान पर था वो वर्तमान मे दूसरे स्थान पर पहुँच गया है। इस संबंध में डबल इंजिन सरकार को ठोस योजनाएं लागू करके पशुपालकों व किसानों के हितों पर विचार करना चाहिए l