अखिल विश्व गायत्री परिवार राजस्थान संभाग पुष्कर द्वारा आयोजित 12वी अरण्य तीर्थ परिक्रमा यात्रा (24 कोसीय) तथा रथयात्रा (84 कोसीय) के शुभारंभ के मुख्य अथिति राजस्थान धरोहर क्रांति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि गायत्री परिवार ने हमेशा से आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्ती भूमिका निभाई हैI गायत्री परिवार की और से 24 कोसिय परिक्रिमा मार्ग एवं इसमें आने वाले देवस्थानों का विकास की मांग पर लखावत ने कहां देवस्थान हमारी सभ्यता एवंम संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग है।
इनका उत्थान न केवल स्थापित धार्मिकता को मजबूती देता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी सुद्रढ़ करता है । यह भी कहा की आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देवस्थान हमारे समाज के मानवीय और आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां होने वाली पूजाएं, संगतियां और धार्मिक आयोजन लोगों को अपने आत्मा के संदर्भ में विचार करने और आध्यात्मिक विकास में बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आमजन से आग्रह किया की धार्मिक स्थानों का विकास केवल सरकार के माध्यम से नहीं हो सकता इस प्रक्रिया में, हमें उन सभी सामर्थ्यवान और दयालू लोगों को भी समर्थन और सहयोग करना चाहिए जो इन देवस्थानों के विकास में रूचि रखते हो। उन्होंने गायत्री परिवार को आश्वस्त की अगले वर्ष जब यह कार्यक्रम होगा तो पदयात्रा मार्ग के धार्मिक स्थल जैसे गंधेश्वर, अजयपाल, मध्य पुष्कर आदि स्थलों की तसवीर भिन्न होगी I लखावत ने कहा सरकार का लक्ष्य केवल 24 कोसिय परिक्रमा के साथ साथ महाराणा प्रताप सर्किट, ब्रज चौरासी कोस परिक्रिमा, कपिलमुनि (कोलायत) करणीमाता, देशनोक, बेणेश्वर धाम , पुष्कर परिक्रिमा सहित अनेक सांस्कृतिक , धार्मिक, पुरामहत्व के स्थानों को विकसित करना है I पुष्कर सरोवर में मछलियो के मरने पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए कहा की वैज्ञानिक / विशेषज्ञों की राय ले कर इन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास करेंगे I
कार्यक्रम के विशिष्ठ अथिति देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष एवंम प्रदेश महामंत्री भाजपा ओम प्रकाश भडाना ने कहा की गायत्री परिवार जीवन जीने कि कला के, संस्कृति के आदर्श सिद्धांतों के आधार पर परिवार, समाज, राष्ट्र एवं युग निर्माण को प्रेरित करने वाले आध्यात्मिक धार्मिक विद्ध्व्जनो का परिवार है जिसका एक मात्र उद्धेश्य मानव मात्र का कल्याण है ।
यह भी कहा की भारतीय जीवन शेली आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पद्धतियों के संदर्भ में गहरे संबंध को दर्शाता है। भारतीय संस्कृतीत व सभ्यता विश्वभर में अपनी अनूठी परंपराओं और विचारधारा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ तक कि हमारे विचारधारा में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी ‘सारा संसार हमारा परिवार है’ की भावना भी निहित है।
भारतीय सभ्यता में समानता, सहयोग, और व्यापक भाईचारे की भावना समेटी हुई है, जो हमें समस्त मानवता के कल्याण के लिए प्रेरित करती है।
आज के समय में, जब विश्व एक संगठित गांठ में बाँधा हुआ है, हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है कि हम एक-दूसरे के साथ समझबूझ बढ़ाएं और एकता में रहकर समस्त मानवता के साथ मिलकर विकास करें। इस दिशा में, हमें अपनी धरोहर को मजबूत करने के साथ-साथ ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म पर भी उसे प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने कहा कि पुष्कर पालिका गायत्री परिवार को हरसंभव मदद के लिए तत्पर रहेगी।
गायत्री परिवार के समन्यवक हेमंत चतुर्वेदी ने बताया कि सेकड़ो परिजनों ने यात्रा के संकल्प के लिए तीर्थ का जल, पंचगव्य लेकर यात्री गायत्री शक्तिपीठ से वराह घाट पहुंचे । वहां संकल्प, सरोवर पूजन, अमृताभिषेक, आरती कर यात्री वराह मंदिर तथा पुष्कर के प्रमुख मंदिरों के दर्शन करते हुए ब्रह्म पुष्कर की प्रदक्षिणा की ।
इस तीर्थ यात्रा में द्वादश शिवलिंगों पर विशेष अभिषेक व रूद्र यज्ञ तथा 12 विष्णु मंदिरों पर आदित्य विष्णु यज्ञ विशेष रूप से किया जा रहे हैं ।
अब तक प्रज्ञेश्वर महादेव,चारभुजा मंदिर मेड़ता, पुराना रंग जी मंदिर , अष्टभू बैकुंठ मंदिर विष्णु मंदिर, चित्रकूट धाम पर यज्ञ एवं अभिषेक किए गए ।
अथितियो ने यात्रा रथों को पूजन मंत्रोचार के साथ रवाना किया
आज यात्रा का रात्रि में विश्राम नांद में होगा । रात्रि विश्राम से पहले दीपक यज्ञ व कथा का आयोजन होगा