निम्बार्क तीर्थ में रविवार को गौरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी विशेष सम्मेलन का आयोजन गुरू पूर्णिमा के अवसर पर किया गया। इसमें विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, शिक्षा एवं पंचायती राजमंत्राी श्री मदन दिलावर तथा विधायक एवं पूर्व मंत्राी अनिता भदेल ने आचार्य श्री श्याम शरण देव जी का आशीर्वाद लिया।
निर्म्बाक पीठ में आचार्य श्याम शरण देव जी ने कहा कि सनातन संस्कृति में गुरू पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन गुरू के प्रति श्रृद्धा के साथ समर्पण करने का होता है। वर्तमान में पर्यावरण तथा गौमाता का संरक्षण समाज का परम कर्तव्य है। निम्बार्क पीठ का प्रादुर्भाव निम्ब वृक्ष से होने के कारण यह पीठ पर्यावरण के प्रति अनुराग तथा सम्मान का भाव रखती है। प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाकर उसको बड़ा करना चाहिए। गौमाता के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक परिवार गौपालन करें। गाय के नाम पर व्यवसाय करने वालों का पालन करने के स्थान पर प्रत्येक परिवार गाय का पालन करें।
मुख्यमंत्राी भजनलाल शर्मा का गुरूपुर्णिमा के अवसर पर राज्य के समस्त मन्दिरों में धर्मवाहकों तथा मार्गदर्शकों को सम्मान प्रकट हुए संदेश भेजा गया था। निम्बार्क पीठ के लिए प्रेषित मुख्यमंत्राी भजनलाल शर्मा का सन्देश विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पढ़कर सुनाया। इसमें राज्य की निरन्तर प्रगति के लिए इनके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन को आवश्यक बताया गया। देवनानी ने कहा कि निम्बार्क पीठ से संस्कार ओर शान्ति मिलती रही है। गुरू अज्ञान के अन्धकार से ज्ञान के प्रकाश तक लेकर जाते हैं। गुरूजन भारत में सनातन संस्कृति के वाहक हैं। सनातन संस्कृति के होने में ही हम सभी का अस्तित्व हैै। इसलिए हमें जीवन की अन्तिम सांस तक संस्कृति की सेवा करनी चाहिए।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्राी मदन दिलावर ने कहा कि निम्बार्क पीठ का वातावरण अलौकिक है। इस वर्ष गर्मी ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं। गर्मी के कारण उत्पन्न वेदना को कम करने के लिए तापमान कम करना आवश्यक है। तापमान को कम करने के लिए प्रकृति के वृक्ष देवता नामक मशीन बनाई है। विश्व में नए पेड़ लगाने की तुलना मंे अधिक पेड़ काटे गए। इस कारण से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हुई है। विश्व के 15 सबसे गर्म शहरों में राजस्थान के 7 शहरों को शामिल होना चिन्ता का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति पेड़ के अनुपात में राजस्थान के आंकडे़ चिन्तनीय है। कनाडा में प्रति व्यक्ति 10 हजार से अधिक पेड़ है। राजस्थान में यह अनुपात प्रति व्यक्ति 20 है। आदर्श पर्यावरण के लिए प्रति व्यक्ति 467 पेड़ होने चाहिए। इस अन्तर को पाटने के लिए सभी को मिलकर जन आन्दोलन के रूप में पेड़ लगाने चाहिए। पेड़ लगाना हमारी संस्कृति में पुण्य का कार्य माना जाता है।
उन्होंने कहा कि माता अमृता देवी सहित सेकड़ांे वृक्ष वीरों ने अपना बलिदान देकर भारतीय संस्कृति में पेड़ों की महत्ता को प्रतिपादित किया है। पेड़ धरती माता के श्रृंगार है। किसानों को प्रति बीघा एक पेड़ को अपनी मेड़ पर लगाना चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिए प्रत्येक मोटर साईकिल मालिक 5 पेड़, कार मालिक 10 पेड़, ट्रक और बस मालिक 20 पेड़ तथा एसी का उपयोग करने वाला व्यक्ति 50 पेड़ लगाए।
इस अवसर पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी सहित बड़ी संख्या में भक्तगण निम्बार्क तीर्थ सभागार में उपस्थित रहे।