प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना 31 जुलाई तक करवा सकेंगे कृषक खरीफ फसलों का बीमा

प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना के तहत फसल खराबे से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2024 की फसलों के लिए बीमा कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इसके तहत फसलवार बीमा की प्रीमियम राशि भी घोषित कर दी गई है। बीमित राशि का खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम कृषक द्वारा वहन किया जाएगा।

कृषि विस्तार (जिला परिषद्) के संयुक्त निदेशक  शंकर लाल मीणा ने बताया कि ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए बीमा अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके अन्तर्गत अधिसूचित फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मौठ, ग्वार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास और मूंगफली है। प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना के तहत किसान, खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले के लिए एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लिमिटेड को अधिसूचित किया गया है। योजना में किसानों द्वारा खेतों में वास्तविक रूप से बोई गयी फसलों की सूचना 29 जुलाई तक लिखित में देनी होगी। वास्तविक बुआई अनुसार फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक या समिति दवारा किया जा सके। जो ऋणी कृषक, फसल बीमा नहीं कराना चाहते हैं वे 24 जुलाई तक बैंक को लिखित में सूचना देकर इस योजना से बाहर हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि फसल बुआई से लेकर कटाई तक सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, बिजली गिरने से लगी आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात सहित नुकसान जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उसका पटवार मण्डल में 4 व तहसील क्षेत्रा में न्यूनतम 16 फसल कटाई प्रयोगों से ज्ञात उत्पादन को गारण्टी उपज में से नुकसान का आंकलन कर बीमित राशि अनुसार फसल बीमा क्लेम निर्धारित किया जाता है। फसल कटाई के उपरान्त 14 दिन तक सूखने के लिए खेत में छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान का व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा क्लेम दिया जाएगा।

 

 

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