राज्य सरकार द्वारा 15 जून से 31 अगस्त तक निषेध ऋतु के तहत मत्स्याखेट रोकथाम की गई है। इस अवधि में राज्य में किसी भी प्रकार का मत्स्याखेट न हो एवं मछली का विनिमय व प्रर्दशित नहीं की जाए।
मत्स्य विभाग (क्षेत्राीय) के सहायक निदेशक डाॅ. अनिल कुमार जोशी ने बताया कि निषेध ऋतु के तहत मत्स्याखेट रोकथाम के लिए एक दल का गठन कर रखा है, जो नियमित रूप से निषेध ऋतु में मत्स्याखेट रोकथाम के लिए चैकिंग का कार्य करता है। 15 जून से अब तक इस क्षेत्राधिकार में आने वाले जलाशयों का नियमित चैकिंग कर अब तक 7 केस बनाये गए। इसके तहत लगभग 20 जाल व लगभग 25 किलोग्राम मछली को जब्त किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों को क्षेत्रा में कठोरता से पालन करवाया जा रहा है। विभागीय दल द्वारा सभी जलाशयों का सघन निरीक्षण कर दल द्वारा जाल व मत्स्याखेट संबंधी उपकरण एवं मछली जब्त की जा रही है। जब्त मछली को नियमानुसार गढवाया जा रहा है। विभागीय दल की चैकिंग से निषेध ऋतु में मत्स्याखेट रोकथाम में प्रभावी कार्यवाही से सकारात्मक परिणाम आ रहे है। क्षेत्रा में मत्स्याखेट गतिविधि में काफी हद तक रोक लगी है। मत्स्य प्रजनन ऋतु होने से मत्स्य प्रजाति का विकास होगा। अब तक आनासागर, बिसुन्दनी, केकडी क्षेत्रा गोवटा घाटा जहाजपुर क्षेत्रा के जलाशयों में कार्यवाही की गई। निषेध ऋतु में मत्स्याखेट चैकिंग कार्य नियमित रूप से जारी रहेगा। अवैध मत्स्याखेट कार्य करने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही जारी है।