दिल्ली प्रमुख पद के चुनाव के लिए प्रचार समाप्त हो गया है, 70 नामांकन के लिए 5 फरवरी को मैदान में होने वाले मतदान में आम आदमी पार्टी के साथ भाजपा और कांग्रेस के रूप में अपना जोर आजमाइश चल रही है। संघर्ष देखने को मिल रहा है.
आपके लिए सत्य प्राप्ति का मार्ग इस बार बेहद कठिन दिख रहा है। जनता के बीच जा पहुंचें इसके पीछे की वजह और उनके लोगों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है, यहां भारत गठबंधन का एक साथ होना बहुत महत्वपूर्ण होगा और इससे सबसे ज्यादा नुकसान आप पार्टी को ही होगा।
जिनमे एक कांग्रेस के संजय दीक्षित जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र हैं, उनमें से एक हैं जिनमे एक कांग्रेस के और उनके खिलाफ चुनावी लड़ाई जारी है। कड़ा संघर्ष करना होगा।
बीजेपी केंद्र में सत्ता में हैं और उन्होंने पूरा जोर लगा रखा है कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता यहां लगातार आप पर हमले कर रहे हैं। उनके किसी भी बड़े नेता ने बीजेपी के अभियान में अभी तक यह नहीं देखा है कि वह कौन होंगे, रही कांग्रेस की बात तो इस बार का अनुमान है कि वह बेहतर कर रहे हैं लेकिन उनका भारतीय गठबंधन पहले से बेहतर नहीं हो सकता है।
आप और बीजेपी में कांटे की टक्कर संभावित है और कांग्रेस का प्रदर्शन पहले से बेहतर होने का अनुमान है, अंतिम फैसला 8 फरवरी को होगा।
आपदा को हटाना है , भाजपा को लाना है
इस बार दिल्ली मे कमल खिलेगा