अजमेर- अजमेर स्मार्ट सिटी के आनासागर में फेल रही जलकुंभी और बदबू को लेकर आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने नाराजगी जताई और भाजपा के मंत्रियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
साथ ही जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जलकुंभी को तत्काल हटाने और भविष्य में कभी भी जलकुंभी न फैले। इसके लिए स्थायी समाधान के कदम उठाने का आग्रह किया है।
आनासागर में फैली जलकुंभी को लेकर पूर्व आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने उठाए सवाल – Anasagar
आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने प्रेस को बयान जारी करते कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी में बने आनासागर में लगातार जलकुंभी फैल रही है और बदबू से हालत खराब है। साफ दिख रहा है कि यह आनासागर अजमेर के जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता का शिकार हो रखा है। आनासागर में लंबे समय से जलकुंभी फैलने की समस्या बनी हुई है, लेकिन जलकुंभी को रोकने के लिए स्थाई समाधान नहीं किए गए, जिससे इको सिस्टम के साथ ही पक्षियों और मछलियों जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।
जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर आनसागर से जलकुंभी को हटाने व स्थायी समाधान का किया आग्रह
उन्होंने अधिकारियों और भाजपा के स्थानीय मंत्री व विधायक सहित जनप्रतिनिधियो की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आनासागर की दुर्दशा के बावजूद स्थानीय नगर निगम की भाजपा मेयर, निगम के अधिकारी, विधानसभा अध्यक्ष और केबिनेट मंत्री और विधायक मूक दर्शक बने है। जाहिर है, इनको अजमेर आनासागर में फैली जलकुंभी और अजमेर की समस्या से कोई लेना देना नही है।
पूर्व चेयरमैन राठौड़ ने कहा कि अज़मेर का आनासागर पर्यटन के रूप में शुमार है। देश विदेश के पर्यटक आनासागर झील के सौंदर्य को देखने आते है। अगर भाजपा के राज में ऐसी ही पर्यटन स्थलों की दुर्दशा होगी तो सवाल उठने लाजिमी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के विकास के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे है, लेकिन विकास कम और रुपयों की बर्बादी ज्यादा नजर आ रही है। अगर जलकुंभी का स्थाई समाधान कर दिया दिया जाता तो आज जल कुंभी को हटाने के लिए लाखों रूपए बेवजह बर्बाद नहीं करने पड़ते।
पूर्व चेयरमैन राठौड़ ने कहा कि आज मैने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर आनासागर में फैली जलकुंभी को हटाकर स्थाई समाधान करने का आग्रह किया है, ताकि आनासागर की बिगड़ी दशा सुधर सके।