आनासागर झील में -जलकुंभी की समस्या के स्थाई समाधान की मांग

Demand for permanent solution to the problem of water hyacinth in Anasagar Lake

Demand for permanent solution to the problem of water hyacinth in Anasagar Lake

आनासागर झील में जलकुंभी की समस्या को लेकर शहर की पर्यावरण को लेकर समर्पित संस्थाओं माय क्लीन स्कूल संस्थान, पीयूसीएल और पृथ्वीराज फाऊंडेशन के सदस्यों के मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया और झील से जलकुंभी हटाने के तुरंत कार्यवाही करने की मांग के साथ इस समय का स्थायी समाधान निकालने के लिए आग्रह किया।

ज्ञापन के जरिए अवगत करवाया गया कि अजमेर की आनासागर झील एक हजार वर्ष पुरानी मानव निर्मित झील है। यह ऐतिहासिक झील समुचित देखरेख के अभाव में दुर्दशा की शिकार हो रही है।विगत एक सप्ताह में झील के अधिकांश भाग को जलकुंभी ने घेर लिया है। निगरानी तथा तुरंत कार्यवाही के अभाव में झील हरी घास का मैदान दिखलाई दे रही है। इस कारण झील के जल में ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों तथा अन्य जलीय जंतुओं की मृत्यु का खतरा उत्पन्न हो गया है। यह समूचे क्षेत्र में दुर्गंध ,सड़ांध तथा बीमारियों के जन्म का कारण बनेगा।झील की दुर्दशा पर निरंतर खबरें प्रकाशित होने के बावजूद जिला प्रशासन,नगर निगम तथा ठेकेदार के बीच कोई सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाया है।

आनासागर झील की इस समस्या के निदान के लिए राज्य सरकार के तुरंत हस्तक्षेप तथा पर्यावरण संबंधी केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग की आवश्यकता है। वर्तमान समस्या के तुरंत निदान के लिए सेना की दक्ष एजेंसियों की मदद भी ली जानी चाहिए ।

यह अत्यंत दुखद है कि झील संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च करने के बाद भी झील में गंदे नालों का प्रवाह रुका नहीं है। आनासागर झील का जल अत्यंत प्रदूषित है तथा इसके किनारे वॉक वे पर भ्रमण करने वालो के लिए यह घातक सिद्ध हो रहा है।

ज्ञापन में अजमेर के नागरिक संगठन के सदस्यों ने राज्य सरकार से मांग की कि वह पर्यावरण क्षेत्र में इस संकट का तुरंत निवारण करे। जिम्मेदार नागरिक संगठन के रूप में सदस्यों ने आश्वस्त किया कि यदि इस संबंध में सरकार को कोई सहयोग आवश्यक होगा तो वे जन अधिकारी निभायेंगे।

इस दौरान अनंत भटनागर, जे. पी. भाटी, दीपक शर्मा, कुलदीप सिंह गहलोत, रमेश यादवर व संदीप तंवर उपस्थित रहे।