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अजमेर लोकसभा सीट – “चुनावी दंगल”

Ajmer Lok Sabha seat - "Election riot"

Ajmer Lok Sabha seat - "Election riot"

अजमेर-मरूधरा का स्पेशल कार्यक्रम चुनावी दंगल, आज हम बात करेगें अजमेर लोकसभा सीट की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताबड तोड रैलियां कर रहे है, अलग-अलग राज्यों में करोड़ों रूपए की परियोजनाओं का लोकपर्ण कर रहे है तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोडों न्याय यात्रा के जरिए उत्तर भारत में कांग्रेस की खोई हुई जमीन तलाशने में जुटे हुए है।

राजस्थान में भी लोकसभा तापमान बढने लगा है। 25 सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस के नेता मैराथन बैठकें कर अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए है। बीजेपी 2014 ओर 2019 का 25 सीटें जीतने का रिकाॅर्ड बरकरार रखने के लिए गांवों में डेरें डाल चुकी है और बूथ मजबूत करने में जुट गई है तो वही कांग्रेस अपने दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारने की रणनीति बना रही है ताकि बीजेपी के मिशन 25 पर ब्रेक लगा सके।

अजमेर लोकसभा क्षेत्र के लिए बीजेपी व कांग्रेस से जुडे नेता टिकट के लिए अपने आला नेताओं के देवरे धोक रहे है। जयपुर से दिल्ली तक अपने जान पहचान के लोगो को ले जाकर नेता जी से टिकट दिलवाने की सिफारिश की जा रही है।

बीजेपी नेताओं का मानना है कि हमारी लडाई सिर्फ टिकट की है, टिकट मिलते ही पीएम मोदी के चहरे पर जीत पक्की है तो वही कांग्रेस के नेता सचिन पायलट के भरोसे अपनी जाजम बिछाने में जुटे है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस के टिकट के लिए अजमेर में सचिन पायलट के कोटे से सांसद का टिकट मिलेगा। अब चाहें पायलट खुद चुनाव लडे या किसी ओर को लडवाऐगे देखने वाली बात होगी।

बीजेपी के वर्तमान सांसद भागीरथ चैधरी किशनगढ से एम एल ए चुनाव हारने के बाद पूरी ताकत ओर जी जान से वापस अजमेर लोकसभा से बीजेपी से टिकट की जुगत में जुटे हुए है।

बीजेपी टिकट के लिए लम्बी चैडी कतार है, यह कतार जयपुर और दिल्ली में डेरे डाले हुई है और दिल्ली के नेताओं का इन कतारबद्ध नेताओं से कहना है कि टिकट किस को मिलेगा, इसका फेसला सिर्फ दो लोग करेंगे। यह दो लोग कौन है आप समझ गए होगें। जी हां…. नरेन्द्र मोदी और अमित शाह।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी अपने डेढ सौ उम्मीदवारों की घोषणा 29 फरवरी के बाद कभी भी कर सकती है तो कांग्रेस भारत जोड़ों न्याय यात्रा के बाद अपने टिकटों का ऐलान कर सकती है।

अजमेर लोकसभा के लिए बीजेपी की ओर से सरकारी और प्राईवेट एंजेसियों ने संभावित दावेदारों के लिए सर्वे किया है तो वही कांग्रेस भी अपने सर्वे करवा रही है। एंजेसियों के लोग फिल्ड में जाकर संभावित प्रत्याशियों के बारे में फीडबैक ले रहे हैं।

अजमेर लोकसभा क्षेत्र में दलित समुदाय, ब्राहम्ण, जाट, गुर्जर, मुस्लिम, वैश्य व राजपूत समाज के वोटों का दब-दबा है। 2018 के लोकसभा उपचुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर सांवर लाल जाट के बेटे और वर्तमान नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा को बीजेपी ने सांसद प्रत्याशी बनाया था, तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अजमेर जिले से बडे ब्राम्हण चेहरे रधु शर्मा पर दांव खेला था। इस मुकाबले में डाॅ रघु शर्मा ने रामस्वरूप लांबा को 84 हजार से अधिक वोटों से हराया था। इस मुकाबलें में रघु शर्मा को 6 लाख 11 हजार 514 वोट मिलें थे और रामस्वरूप लांबा को 5 लाख 27 हजार 100 वोट मिले थे। रघु शर्मा ने बरसों से काबिज भाजपा से यह सीट छीनकर कांग्रेस की झोली में डाली थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बीना कांक के जवांई व बडे उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को टिकट दिया था तो भाजपा की ओर से भागीरथ चैधरी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया था, इस मुकाबलें में भागीरथ चैधरी 4 लाख 16 हजार 424 वोट से रिजु झुनझुनवाला को बडी शिकस्त दी थी। 2019 के चुनाव में अजमेर लोकसभा क्षेत्र में 18 लाख के आसपास मतदाता थे।

तो बात करें लोकसभा चुनाव 2024 की, क्या कांग्रेेस बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को भुनाने में कामयाब होकर अजमेर लोकसभा सीट पर कब्जा जमा पाऐगी या फिर भाजपा की झोली में जायेगी यह लोकसभा सीट!

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