दिल्ली -चार साल बाद एक बार फिर पूरब का ऑक्सफोर्ड कहें जाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में छात्रसंघ चुनाव की रौनक लौट आई है। पिछले चार सालों से जेएनयू में छात्र संघ चुनाव बंद थे। अब 22 मार्च को छात्र का चुनाव होना है, जिसका रिजल्ट 24 मार्च को आएगा। सभी छात्र संगठनों ने अपनी पूरी ताकत इस चुनाव के लिए झोंक दी है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले जेएनयू का छात्र संघ चुनाव का रिजल्ट का असर पूरे देश पर दिखाई देगा। इस यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव पर बीजेपी, कांग्रेस, लेफ्ट, आप, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, बसपा सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियां नजर बनाए हुए है।
The excitement of student union elections returned in JNU
बीती रात सभी छात्र संगठनों ने जेएनयू कैम्पस में मषाल जुलूस निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। आज रात को जेएनयू कैम्पस में छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है। यह डिबेट जेएनयू छात्र संघ चुनाव को सबसे अलग बनाती है, क्योंकि पूरे देष में किसी भी कैम्पस में छात्र चुनाव के लिए प्रत्याषियों के लिए ऐसी डिबेट नही होती है। इस डिबेट में देष विदेष से जुडे विभिन्न मुद्दों पर छात्र संघ चुनाव लडने वाले प्रत्याषी अपना पक्ष रखते है। इस युनिवर्सिटी में वैचारिक, बौद्धिक तर्कता के आधार पर चुनाव लड़ा जाता है।
इस बार जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए एबीवीपी से अध्यक्ष पद पर उमेष चंद्र अजमीरा, लेफ्ट पार्टी के छात्र संगठनों ने अपना संयुक्त पैनल उतारा है। जिसमें धननज्ये अध्यक्ष पद का चुनाव लड रहे है। एनएसयूआई से जुनैद रजा, बापसा से बिस्वजीत मिन्जी सहित आठ प्रत्याषी अध्यक्ष पद का चुनाव लड रहे है। जिसके साथ-साथ उपाध्यक्ष, महासचिव व सचिव सहित 42 काउंसलर के पदों के लिए 111 उम्मीदवार मैदान में है।