केजरीवाल का दिल्ली प्रयोग
केजरीवाल का दिल्ली प्रयोग
अजमेर: 17 सितंबर 2024
(शरद कुमार शर्मा)✍🏻
राजनीति के नए खिलाड़ी कभी कभी ऐसे प्रयोग करते हैं जो शातिर राजनीतिज्ञों को भी चौंका दिया करते हैं ऐसा ही अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आते ही करके एक नया पासा फेंका और अपनी जगह नया मुख्यमंत्री दिल्ली को दिया आतिश के रूप में देखा जाए तो खास बात नहीं है क्योंकि दिल्ली विधानसभा के चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं और सुप्रीम कोर्ट के जमानती आदेश में उनको बहुत कुछ कामों से रोक दिया गया है ऐसे में उनके पास बहुत अच्छा अवसर था खुद को कुर्सी का निर्मोही साबित करने का और उन्होंने मौके का लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी दिल्ली की जनता और राजनैतिक दलों के बीच अपनी इमेज बना कर फिर से दावेदारी करने में. लेकिन प्रश्न यह है कि क्या वह नए मुख्यमंत्री को स्वतंत्रत निर्णय लेने देंगे क्या वह सत्ता से दूर रह कर जनता के बीच जाएंगे यह ऐसे सवाल है जिनका जवाब आने वाला समय ही देगा लेकिन ऐसा लगता नहीं कि वह मुख्यमंत्री के काम काज में दखल नहीं देंगे।
ये चतुराई फिर से सत्ता मे आने का प्रयास तो है ही साथ ही पंजाब के बाद अब हरियाणा जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहाँ भी जनता में लोकप्रिय हो कर सत्ता प्राप्ति का प्रयास हो सकता है उनके आंदोलन गुरु अन्ना हजारे ने तो उन्हें राजनीति से दूर रहने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने यह साबित किया कि ज़न आंदोलन सता का द्वार है फिर उसका लाभ चाहे जिसे मिले, अब सब कुछ दिल्ली की जनता पर निर्भर है।