परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव पंहुचे अजमेर

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परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव पंहुचे अजमेर 

एमडीएस यूनिवर्सिटी में कारगिल विजय की 25 वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में करी शिरकत

अजमेर : 23 अगस्त

“पाकिस्तान ने हमारी दोस्ती देखी है, अब दुश्मनी भी देखे.”…तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के इन व्यतव्यो के बाद भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान के दांत कारगिल युद्ध में खट्टे कर दिए थे।
टाइगर हिल्स का टाइगर कहे जाने वाले के ओडिनरी कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव आज अजमेर के एमडीएस यूनिवर्सिटी में बतौर मुख्य वक्ता कारगिल विजय की 25 वीं वर्षगांठ पर हिस्सा लेने पहुंचे जन्हा यादव को एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

योगेन्द्र कारगिल के युद्ध के समय 19 वर्ष के थे। इस युद्ध में योगेन्द्र को पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से 15 गोलियां लगी थीं लेकिन उसके बाद भी उन्होंने लड़ना नहीं छोड़ा था। उनके असभ्य साहस के लिए भारत सरकार ने उनके परमवीर चक्र से सम्मानित किया।

कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर में डीन स्टूडेंट वेलफेयर द्वारा कारगिल विजय दिवस मनाया गया।

विधार्थियों को संबोधित करते हुए परमवीर चक्र विजेता यादव ने कहा कि अगर हमारे मन और मस्तिष्क में विचारो का द्वंद और युद्ध चलता रहेगा तो जीवन में कोई डिसीजन नहीं ले पाएंगे।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड IPS एबी शुक्ला, कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला, डीन DSW प्रोफेसर सुभाष चन्द्र ने भी कारगिल विजय दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के शिक्षक, स्टाफकर्मी और यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी मौजूद रहे।