पिछड़े वर्ग के उत्थान बिना देश परम वैभव को प्राप्त नही कर सकता: भागीरथ वाल्मीकि समाज हिंदू धर्म की रीढ़ है: भड़ाना
जवाहर रंग मंच पर आयोजित वाल्मीकि विद्यार्थी प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भागीरथ चौधरी ने मेधावी छात्रों को सम्मानित करते हुए कहा कि अच्छे अंकों से शिक्षा ग्रहण करने से परिवार समाज राष्ट्र का भला होता है परिश्रम और सेवा भाव में वाल्मीकि समाज का कोई मुकाबला नहीं है। बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था भोजन से भी जरूरी शिक्षा है आज उसी का अनुसरण करते हुए यह होनहार विद्यार्थी इस मुकाम पर पहुंचे हैं। सम्मानित होने वालों में बेटों से अधिक बेटियो की संख्या गौरवान्वित कर रही है। यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति में कभी भी छुआछूत जैसी कुरीतियों नहीं रही, उन्होंने कहा प्रभु राम ने तो सबरी के झूठे बेर भी बड़े प्रेम से खाए थे। जब पशु पक्षी अछूत नहीं है तो मानव कैसे हो सकता है? जब तक किसी भी राष्ट्र का सबसे पिछड़ा तब का पूर्ण शिक्षित व योग्य नहीं हो जाता तब तक वह देश परम वैभव को प्राप्त नहीं कर सकता। केंद्र की मोदी सरकार की प्राथमिकताएं आज भी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास है, चौधरी ने विश्वास दिलाया की वाल्मीकि समाज के उत्थान में केंद्र सरकार कोई और कसर नहीं छोड़ेगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा ओमप्रकाश भडाणा ने प्रतिभावान विद्यार्थियों, उनके परिजनों व गुरुजनों को बधाई देते हुए कहा कि ये बच्चे अधिक शाबाशी के हकदार है क्यों की इन्होंने अभावों की जंजीरे तोड़ कर ये उपलब्धि हासिल की है। भड़ाना ने कहा वाल्मीकि समाज हिंदू धर्म की रीढ़ है, समाज के पूर्वज न मुगलों आक्रांताओं के अत्याचार से डरे ना ही अंग्रेजों के लोग लालच में अपना धर्म छोड़ा, बल्कि अमानवीय, घोर अपवित्र काम करना स्वीकारा। यह कह सकते हैं की धर्म के लिए वाल्मीकि समाज ने बहुत बड़ा त्याग किया है। इस समाज को प्रखर देशभक्त, धर्म परायण, हिंदू समाज रक्षक की भूमिका एवं त्याग बलिदान के लिए यथोचित स्थान मिलना चाहिए।
[यह भी कहा कि 1857 की क्रांति में आमने-सामने की लड़ाई के साथ-साथ वाल्मीकि समाज का सांस्कृतिक योगदान भी रहा है लोगों तक अपनी बात पहुंचाने और उनमें साहस भरने के लिए निडरता से ढोल,नगाड़ों, तुरही जैसे वाद्य यंत्रों को बजाते थे।
भड़ाना ने कहा अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, पढ़ी-लिखी मां, एवं कर्ज मुक्त परिवार ही संपन्न और सुखी परिवार होता है, अतः भौतिकवाद, झूठी शान के लिए कर्ज में डूब कर अपने जीवन में परेशानियों को आमंत्रण ना दें। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देते हुए समाज के वरिष्ठ जनों से आग्रह किया की अपनी बेटियों को अधिक से अधिक पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि एक बेटी एक नहीं, दो दो परिवारों को संबल प्रदान करती है। आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों की हौसला अवजई करते हैं, मुझे आशा ही नहीं विश्वास है कि अगली बार इससे दोगुनी संख्या में बच्चों को सम्मानित करने का अवसर मिलेगा।
- कार्यक्रम की विशिष्ठ अथिति अजमेर दक्षिण कि विधायिका अनीता भदेल ने कहा कि ये प्रतिभा सम्मान समारोह इस बात का प्रमाण है की वाल्मीकि समाज के बच्चों में बुद्धिमता और सीखने ललक किसी से कम नहीं है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो, एवं संघर्ष करो आज समाज बाबा साहेब के आदर्शो का अनुसरण करता हुआ दिखाई पड़ रहा है। भदेल ने विद्यार्थियों को सलाह दी की एकेडमिक शिक्षा के साथ-साथ कोई न कोई तकनीकी शिक्षा अवश्य प्राप्त करें, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर उपमहापौर नीरज जैन ओम प्रकाश जेदिया, नेता प्रतिपक्ष द्रौपदी कोली, प्रदेश कांग्रेस की महासचिव रेखा कलोसिया, श्रवण टोनी, छीतरमल टेपण, सहित अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भावेश गुजराती ने किया।