विधानसभा अध्यक्ष ने संस्कृत को देववाणी के साथ जनवाणी व विज्ञानवाणी बनाने का किया आह्वान
संस्कृत विश्व की प्राचीनतम,परिपूर्ण,श्रेष्ठ,समृद्ध एवं वैज्ञानिक भाषा- डॉ. परमानंद शर्मा
अजमेर: 24 अगस्त
संस्कृत भारती व क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्रायोगिक बहुउद्देशीय विद्यालय, अजमेर के संयुक्त तत्वाधान में 22 अगस्त 2024 से आयोजित किये जा रहे संस्कृत सप्ताह का समापन आज 24 अगस्त को क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के सभागार में संपन्न हुआ।
समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत के प्रांत मंत्री डाॅ. परमानंद शर्मा रहे तथा मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, सारस्वत अतिथि सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर के प्राचार्य डाॅ. मनोज कुमार बहरवाल एवं कालेज शिक्षा राजस्थान के सहायक निदेशक डॉ.सुशील कुमार बिस्सु तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रायोगिक बहुउद्वेशीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक एस.टी. सिंह ने की एवं विशिष्ठ अतिथि संस्कृत भारती अजमेर महानगर के अध्यक्ष विष्णु शरण शर्मा़ रहे।
समापन में मुख्य वक्ता डाॅ. परमानंद शर्मा ने बताया कि संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है जो विभिन्न भाषायी विशेषताओं से परिपूर्ण, श्रेष्ठ, समृद्ध एवं वैज्ञानिक भाषा हैं साथ ही बताया की एक वाक्य रचना को विभिन्न प्रकार से लिखने की कला संस्कृत भाषा में ही हैं। संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है,संस्कृत संस्कारों की भाषा है विश्व की सबसे व्यवस्थित व्याकरण भी संस्कृत में ही है। वर्तमान में संस्कृत भाषा को आम बोलचाल की भाषा से दूर कर दिया गया है इसीलिए संस्कृत भारती संगठन के माध्यम से संस्कृत भाषा को देववाणी के साथ जनवाणी बनाने हेतु अर्हनिश प्रयास किये जा रहे है जिस हेतु संस्कृत भारती के कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से लगातार प्रयासरत है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी संस्कृत भाषा को ऐच्छिक भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है जिसे अनिवार्य भाषा के रूप में पढाये जाने की मांग की, संस्कृत भाषा को विशेष रूप से विज्ञान विषय के विद्यार्थी पढेंगे तो विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन ग्रंथों का शोध कर उत्कृष्ट कृतियों का निर्माण कर पायेंगे।
समारोह के मुख्य अतिथि वासुदेव देवनानी ने संस्कृत को देववाणी के साथ जनवाणी व विज्ञानवाणी बनाने के लिए तथा संस्कृत भाषा के शब्दों को प्रतिदिन बोलचाल की भाषा में लाने का आह्वान किया व कहा कि संस्कृत के द्वारा ही मूल भारतीय संस्कृति को जाना जा सकता है एवं कहा कि वेदों का अध्ययन करके ही जापान व अन्य युरोपियन देश वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे है। संस्कृत भारती संगठन सम्भाषण कार्यक्रमो के माध्यम से निःशुल्क रूप से संस्कृत बोलना और पढ़ना दशकों से सीखा रही है जिसके लिये संस्कृत भारती संगठन के कार्याें की प्रशंसा की तथा संस्कृत की महिमा और संस्कृत की उपयोगिता के बारे में उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में संस्कृत भारती के प्रांत कार्यकारणी सदस्य भूपेंद्र सिंह चौहान ने संस्कृत भारती के द्वारा चलाये जा रहे निःशुल्क सम्भाषण शिविरों व प्रकल्पों के विषय में जानकारी देते हुए प्रतिवर्ष संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं व संस्कृत दिवस की जानकारी दी। महानगर अध्यक्ष विष्णु शरण शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मंच संचालन प्रायौगिक बहुउद्देशीय विद्यालय के हरिओम शर्मा व संस्कृत भारती के विभाग संयोजक डाॅ. आशुतोष पारीक ने किया तथा कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी कार्यकर्ताओ व महाविद्यालय का महानगर मंत्री ने आभार व्यक्त किया।
समापन कार्यक्रम में प्रतिभागीयों द्वारा शिव तांडव स्त्रोत, मां काली व अन्य देवी देवताओं के वेश में किये गये नृत्य मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।
कार्यक्रम में रीजनल कालेज की संस्कृत विभाग की प्रो. यास्मीन अशरफ, अमित कुमार अवस्थी,प्रताप, रीना चौधरी ,मनीषा कुमारी, गुमान सिंह, रेखा शर्मा सहित संस्कृत भारती अजमेर महानगर के अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
प्रतियोगिताओं में संस्कृत सप्ताह के तहत संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता,मंत्र व श्लोक आधारित चित्र निर्माण प्रतियोगिता, समूह गीत प्रतियोगिता तथा संस्कृत गीत आधारित समूह नृत्य प्रतियोगिता का कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्ग में आयोजन किया गया जिसमें अजमेर महानगर के विभिन्न विद्यालय के प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया जिसका परिणाम इस प्रकार हैं –
पुरस्कार विजेता
संस्कृत समूह गीत प्रतियोगिताः-कनिष्ठ वर्ग
दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल (प्रथम स्थान),
प्रायोगिक बहुउद्वेशीय विद्यालय (द्वितीय स्थान)
द एल. आर. एस. (तृतीय स्थान)
संस्कृत समूह गीत प्रतियोगिताः-वरिष्ठ वर्ग
प्रायोगिक बहुउद्वेशीय विद्यालय (प्रथम स्थान)
आदर्श विद्या निकेतन (द्वितीय स्थान)
मयूर स्कूल (तृतीय स्थान)
संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिताः-कनिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) मयूर स्कूल से – आरनव जोशी
(द्वितीय स्थान) प्रायोगिक बहुउद्वेशीय विद्यालय से – अवनी
(तृतीय स्थान) मयूर स्कूल से- आर्या बंसल
प्रोत्साहन पुरस्कार – राघव शर्मा व कैनिशा
संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिताः-वरिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) प्रायोगिक बहुउद्देश्य विद्यालय से – हिर्यांशी सैन
(द्वितीय स्थान) मयूर स्कूल से – प्रसिद्वि टांक
(तृतीय स्थान) मयूर स्कूल से – तन्वी जैन
प्रोत्साहन पुरस्कार – मोहित देवड़ा
संस्कृत मंत्र/ष्लोक आधारित चित्र निर्माण प्रतियोगिताः-कनिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल से – केतन गोयल
(द्वितीय स्थान) मयूर स्कूल से – प्रांजल कोठारी
(तृतीय स्थान) मयूर स्कूल से – सृष्टि अग्रवाल
प्रोत्साहन पुरस्कार – द एल. आर. एस. से – आरोही कनेरिया
संस्कृत मंत्र/ष्लोक आधारित चित्र निर्माण प्रतियोगिता:-वरिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) मयूर स्कूल से – प्रियंवदा सिंह
(द्वितीय स्थान) प्रायोगिक बहुउद्देश्य विद्यालय से – तन्वी कुमावत
(तृतीय स्थान) मयूर स्कूल से – कृतिका मीरपुरी
प्रोत्साहन पुरस्कार – सतगुरू इंटरनेशल स्कूल से – हनीश सोनी
संस्कृत गीत आधारित समूह नृत्य प्रतियोगिताः-कनिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) – द एल. आर. एस.
(द्वितीय स्थान) – मयूर स्कूल
संस्कृत गीत आधारित समूह नृत्य प्रतियोगिता:-वरिष्ठ वर्ग
(प्रथम स्थान) – प्रायोगिक बहुउद्देश्य विद्यालय
(द्वितीय स्थान) – आदर्श विद्या निकेतन
विजेता रहे।