वैरिकोज़ वैन्स बीमारी व लेजर लेप्रोस्कोपी तकनीक द्वारा अजमेर के क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में हो रहे हैं सफल इलाज
क्षेत्रपाल हॉस्पिटल,अजमेर में लेजर व लेप्रोस्कोपी तकनीक द्वारा निरन्तर सफल हो रहे इलाज
अजमेर : 21 अगस्त
अजमेर के जाने माने हॉस्पिटल क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में लेजर व लेप्रोस्कोपी तकनीक से वेरिकोस वेन्स बीमारी का सफलता पूर्वक इलाज किया जा रहा है। पंचशील नगर, अजमेर स्थित क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर रोगियों को पीड़ा से निजात दिलायी जा रही है।
मरुधरा टुडे को जानकारी देते हुए जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ सुभासिष रॉय चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया की क्षेत्रपाल अस्पताल में लेजर तकनीक से लेप्रोस्कोपी सर्जरी द्वारा मरीजो को राहत प्रदान की जा रही हैं।
1. लेजर सर्जरी क्या है ?
लेज़र एनर्जी का उपयोग करके इससे हम जनरल सर्जरी में पाइल्स, फ़िशर, फ़िस्टूला, पिलोनिडल साइनस एंड वेरीकोज़ वैन्स का ऑपरेशन कर सकते है।
2. वैरिकोज़ वैन्स क्या होती है?
वैरिकोज़ वैन्स पैरो में खून की नसों का गुच्छा या नसों के फूलने को कहते है जिसके कारण मरीज़ के लंबे समय से खड़े रहने पर दर्द रहता है। सही समय पर इलाज नहीं कराने पर मरीज़ के varicose ulcer, skin pigmentation and swelling हो सकती है। इस बीमारी का सबसे आधुनिक एवं बेस्ट इलाज लेज़र सर्जरी ही है जिसमें कोई चीरा नहीं लगता एवं मरीज़ को कोई रेस्ट की ज़रूरत नहीं है।
3. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है, एक विशिष्ट तकनीक है जिसका उपयोग कई सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को करने के लिए किया जाता है। सर्जन पेट में कई छोटे चीरे लगाता है।
4. मिनिमल इनवेसिव सर्जरी क्या है?
जिसमें कम चीरे या बिना चीरे के द्वारा बड़े ऑपरेशन किए जा सकते है।
5. जनरल सर्जरी
सामान्य सर्जरी चिकित्सा का एक बड़ा केन्द्र है जो पेट, छाती, अंतःस्रावी तंत्र, त्वचा और कोमल ऊतकों के सर्जिकल उपचार पर केंद्रित है।
पाचन तंत्र (डायजेस्टिव सिस्टम): अपेंडिसाइटिस, पित्ताशय की बीमारी, पेट का कैंसर, हर्निया और अल्सर जैसी स्थितियां।अंतःस्रावी तंत्र (एन्डोक्राइन सिस्टम) स्तन, थायरॉयड, पैराथायराइड और अधिवृक्क ग्रंथियों के विकार।ट्रोमाः पेट और छाती की चोटों का उपचार।
6. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लाभ
छोटे चीरे से दर्द और घाव कम होते हैं। पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में खून की कमी कम हुई। अस्पताल में कम समय रुकना। तेजी से ठीक होने का समय। संक्रमण का खतरा कम होने की संभावना।
7. दूरबीन लेप्रोस्कोपी की उपलब्धियाँ
डॉ. सुभासिष रॉय चौधरी ने बताया की क्षेत्रपाल अस्पताल में सभी प्रकार की दूरबीन लेप्रोस्कोपी की जाती है। जिसमें गॉल ब्लेडर में पथरी, हार्निया, अपेंडिक्स की सर्जरी लेप्रोस्कोपी द्वारा सफलतापुर्वक किया जा रहा है। प्रतिदिन दो से तीन सर्जरी की जा रही हैं मरीज को कम समय में स्वस्थ करके घर भेजा जा रहा है।
8. उद्देश्य एवं भविष्य
अस्पताल का एक ही उद्देश्य है की अजमेर संभाग के लोगो को सभी नयी मशीनें व आधुनिक उपकरण एक ही जगह मिले जिससे मरीज को दुसरी जगह और दुसरे शहर भटकना ना पड़े क्षेत्रपाल हॉस्पिटल के उपाध्यक्ष आलोक शर्मा ने बताया की हॉस्पिटल पिछले कई वर्षों से मरीजों की सेवा के लिए प्रयासरत हैं अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर,लेब, दक्ष चिकित्सकों व अनुभवी नर्सिंग स्टॉफ की टीम के सहयोग से में जनसेवा के नये कीर्तिमान स्थापित करेगा। वर्तमान में सीजे. 2/3 आरजीएचएस, रेल्वे तथा अन्य टीपीए की सुविधाऐं 24×7 भी उपलब्ध है।