Monday, March 31, 2025
spot_img
Homeविज्ञानएमडीएस यूनिवर्सिटी में "आर्द्रभूमि संरक्षण" विषय संगोष्ठी आयोजित

एमडीएस यूनिवर्सिटी में “आर्द्रभूमि संरक्षण” विषय संगोष्ठी आयोजित

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्ववि‌द्यालय, अजमेर के पर्यावरण विज्ञान विभाग एवं रिमोट सेंसिंग और जियोइन्फॉर्मेटिक्स विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “आर्द्रभूमि संरक्षण” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 

 

अजमेर : 03 फरवरी 2025

इस संगोष्ठी में आर्द्रभूमियों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुभ्रतो दत्ता ने आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके पुनर्जीवन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि आर्द्रभूमियाँ न केवल जैव विविधता के लिए बल्कि जलवायु संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रो. प्रवीण माथुर ने ऐसे कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला जो सामुदायिक शिक्षा को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि आर्द्रभूमि संरक्षण के प्रयास तभी सफल हो सकते हैं जब समाज के सभी वर्ग इसमें सक्रिय भागीदारी करें। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. टी. के. रॉय ने रामसर साइट के रूप में मान्यता प्राप्त सांभर झील के संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपने व्यापक अनुभवों के आधार पर बताया कि किस प्रकार से स्थानीय समुदायों को संरक्षण के कार्यों में जोड़कर प्रभावी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। 

डॉ. रॉय ने सांभर झील को हो रही पर्यावरणीय क्षति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, और जैव विविधता पर पड़ रहे नकारात्मक असर पर चिंता जताई। साथ ही, उन्होंने शोध और सतत निगरानी की भूमिका को आर्द्रभूमियों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य बताया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महार्षि दयानंद सरस्वती विश्ववि‌द्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोड़ानी ने पर्यावरण संरक्षण में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध और नवाचार के माध्यम से ही पर्यावरणीय चुनौतियाँ का समाधान संभव है।

 उ‌द्घाटन सत्र के उपरांत तकनीकी सत्र में डॉ टी. के. रॉय ने पक्षी प्रजातियों की आद्रभूमि पर निर्भरता, प्रो. प्रवीण माथुर ने आदभूमि की महत्वता तथा संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जानकारी प्रदान की और डॉ. विवेक शर्मा ने उभयचरों का जैव संकेतको के रूप में आद्रभूमि की आवशयकता पर जानकारी साँझा की। 

संगोष्ठी के दौरान विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों द्वारा उनके शोध कार्यों पर आधारित पोस्टर प्रस्तुत किए गए। उत्कृष्ट शोध प्रस्तुतियों के लिए विधि धवल, सबा खान, सुचित्रा चटर्जी, अविनाश पारीक, रुबी मलिक, और मुस्कान सिंह को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार प्रदान किया गया। यह संगोष्ठी न केवल आर्द्रभूमियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास थी, बल्कि इसने युवाओं को पर्यावरणीय शोध और संरक्षण कार्यों से जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular