Wednesday, March 12, 2025
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शहर की स्कूल बिल्डिंगेंफायर सेफ्टी के नियमों पर कितनी खरी

हादसा कभी भी हो सकता है, कहीं भी हो सकता है, हादसों का कोई वक्त तय नहीं है लेकिन समय रहते अगर थोडी सी जागरुकता दिखाई जाए तो किसी हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है।
हाल ही में पंचशील स्थित सी ब्लॉक सतगरु आरकेड नामक बिल्डिंग में आग लगने से हडकंप मच गया। आग लगने की वजह शॉट सर्किट बताया गया। फायर सेफ्टी के पर्याप्त उपकरण भी मौजूद थे लेकिन इनके ऑपरेटर वहां मौजूद नहीं थे। इसी बिल्डिंग में नर्सरी के बच्चों का एक स्कूल भी संचालित है। सतगुरु लिटिल स्कूल जो हादसे के मात्र आधे घंटे पहले ही छूटा था। मान लो अगर यह हादसा स्कूल के दौरान होता तो जाने कितने मासूमों को हादसे का शिकार होना पडता। इसी बिल्डिंग में कॉल सेंटर के ऑफिस भी चलते हैं जिनहे ऑफिस की छत पर चढकर अपनी जान बचानी पडी।
आपातकालीन ना तो खिडकी थी और ना दरवाजा। अगर होता तो उन्हे यूं छत पर चढकर अपनी जान नहीं बचानी पडती। आग के फैलने और फायर ब्रिग्रेड के पहंुचने में बीस मिनट का फासला था जबकि आग की कोई रफ्तार नहीं होती। अगर गौर करें तो सूरत, कोटा, दिल्ली जैसे हादसे शायद हम भूल गए। सूरत के तक्षशिला कॉम्प्लेक्टस में 24 मई 2019 में हुए हादसे में कम से कम 19 छात्रों ने छलांग लगाकर कूदने की कोशिश में अपनी जान गवांई और कई तो दम घुटने से मर गए जिनमें एक अध्यापक भी शामिल थे। दूसरा दिल्ली के मुखर्जी नगर में 15 जून 2023 में एक बडा हादसा हुआ था जहां कम से कम 60 छात्र घायल हुए। मतलब एक बडी जनहानि होने से बची थी। अब हम बात करते हैं कोटा की जिसे कॉंिचंग हब भी कहा जाता है। 5 अक्टोबर 2019 को एक निजी कॉंिचग सेंटर में आग लग गई थी जिसके कारण कई छात्र दम घुटने के कारण बेहोशी की हालत में पाए गए।
अब सवाल यह उठता है कि अजमेर में सतगुरु इंटरनेशनल जैसे बडे ग्रुप ऐसी गलती कैसे कर सकते हैं जबकि उन्हे कई जगहों का अनुभव है। बात करें अजमेर के प्रशासन की तो वो किन तथ्यों के आधार पर एनओसी जारी करते हैं। बात सिर्फ सतगुरु की ही नहीं है अजमेर में ऐसे कई कोचिंग सेंटर, स्कूल और कॉलेज मौजूद हैं जहां सेफ्टी उपकरण नाममात्र हैं। कई लोगों ने तो अपने घरों में ही छोटे बच्चों के स्कूल खोल दिए हैं। कम फीस में पेरेंट्स अपनी गली मौहल्ले के स्कूलों में दाखिला दिला देते हैं। अब ऐसे स्कूलों की जिम्मेदारी किसके भरोसे है। क्या शिक्षा अधिकारियों को इन पर शिकंजा नहीं कसना चाहिए। ऐसा हो ही नहीं सकता कि उच्च शिक्षा अधिकारियों को इनकी कोई खबर ना हो। मरुधरा टूडे आप से अपील करता है कि ऐसे बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड करने वाले गली मौहल्ले में चल रहे छोटे स्कूलों पर अपनी निगरानी रखें क्योंकि जब बडे शिक्षा संस्थान ही अपना बचाव नहीं कर पाते तो सैंकडों छोटे स्कूलों का क्या भरोसा कर सकते हैं।

ड्राईवर पिकअप पीछे लेता रहा, चपेट में आई महिला के कमर और कूल्हे की हड्डी टूटी

आदर्शनगर थानार्न्गत माखुपुरा में एक पिकअप गाडी के ड्राइवर ने महिला पर पिकअप चढ़ा दी। जिससे महिला के कमर और कूल्हे की हड्डी टूट गई।ये हादसा तब हुआ जब ड्राइवर गाड़ी को रिवर्स ले रहा था। आरोप है कि टक्कर लगने के बाद भी वह गाड़ी को पीछे लेता रहा।
घायल महिला मोहिनी देवी के पति प्रेम सिंह रावत ने बताया ​कि उसकी पत्नी माखुपुरा स्थित राजस्थान इंडस्ट्रीज कंपनी में काम करती है। दोपहर के समय वह फैक्ट्री परिसर में ही बने रसोई की तरफ जा रही थी।
कंपनी के ऑफिस के पास पहुंची थी कि अचानक पिकअप ड्राइवर ने बिना पीछे देखे गाड़ी को रिवर्स ले लिया। इस दौरान मोहिनी देवी वहीं गिर पड़ी। ये पूरी घटना ऑफिस के बाहर लगे सीसीटीवी में भी…

अवैध गैस रिफ्लिंग का धंधा जोरो पर

अजमेर शहर में अवैध रुप से गैस रिफ्लिंग का काम जोरो पर चल रहा है। डीएसओ ने बुधवार को कार्यवाही करते हुए बडी नागफणी स्थित घोसी कॉलोनी में 17 सिलेंडर को जब्त किया है। यहां पर अवैध रुप से गाडियों में गैस रिफलिंग का कार्य किया जा रहा था। सूचना मिलने पर आज डीएसओ ने मौके पर दबिश दी। कुछ दिन पूर्व फायसागर चौकी के पास भी अवैध गैस रिफलिंग करते जहीरुददीन खिलजी को पकडा था। डीएसओ की ओर से रामगंज थानार्न्गत तारागढ रोड पर भी कार्यवाही कर अवैध गैस रिफलिंग करते पकडा था।

अज्ञात कारणों के चलते दुकान में लगी आग, पुरानी मंडी में मचा हड़कंप,फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू।।

पुरानी मंडी स्थित एक क्रॉकरी की दुकान में मंगलवार रात को अज्ञात कारणों से आग लग गई। जिससे बाजार में हड़कम्प मच गया। पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच कर करीब एक घंटे की मशक्कत कर आग पर काबू पाया। आग से करीब 7 से 8 लाख रुपए के नुकसान होने का अनुमान है। कोतवाली थाना पुलिस के अनुसार हादसा पुरानी मण्डी में स्थित कस्तूरी साड़ी सेन्टर के निकट कृष्णा क्रॉकरी की दुकान में हुआ है। जिसके संचालक किशनलाल है। रात को किसी व्यक्ति ने दुकान से तेजी से धुआं निकलते देख दुकान में आग लगने का सन्देह किया था। जिसने फायर ब्रिगेड व पुलिस को सूचना दी। जिस पर कोतवाली थाने के एएसआई विष्णुप्रसाद तुरंत मौके पर पहुंच गए थे। कुछ देर में फायर बिग्रेड की दो टीमें भी मौके पर पहुंच गई। जिन्होंने करीब एक-डेढ़ घंटे की मशक्कत कर आग पर काबू पाया।

सतगुरु बिल्डिंग में लगी आग, मचा हडकंपकोई जनहानि नहीं

क्रिश्चयनगंज थानान्तर्गत पंचशील के सी ब्लॉक में सतगुरु आरकेड एंड डवलपर बिल्डिंग में मंगलवार को आग लगने से क्षेत्र में हडकंप मच गया। बिल्डिंग में आग तेजी से तीन मंजिल उपर तक फैल गई। आग की घटना के समय कुछ लोग छतों पर भी मौजूद थे। आग लगने पर कई लोगों ने बिल्डिंग से अपनी कूद कर अपनी जान बचाई। आग की सूचना मिलने पर जिला कलक्टर, पुलिस अधिकारी और फायर बिग्रेड मौके पर पहुंचें। रेस्कयू टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग और छत पर मौजूद लोगों को रेस्कयू किया। जिस बिल्डिंग में आग लगी उसके नीचे हिस्से में सतगुरु लिटिल स्टार स्कूल और उपर कॉल सेंटर का ऑफिस है। आग बिल्डिंग की पहली मंजिल पर लगी बताई जा रही है। शॉट सर्किट से आग लगना बताय जा रहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में फायर उपकरण तो लगे हुए हैं लेकिन मौके पर उपकरण चलाने वाले नहीं थे। फायरमेन नहीं होने से आग पर तुरंत काबू नहीं पाया जा सका। फायर बिग्रेड टीम के आने के बाद ही आग को बुझाया गया। बिल्डिंग में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था भी नहीं है जिसका उपयोग बिल्उिंग में मौजूद लोग नहीं कर सके और उन्हे बिल्डिंग से कूद कर अपनी जान बचानी पडी।
इस घटना ने कुछ वर्ष पूर्व कोटा में हुए एक निजी कॉचिंग सेंटर में अग्निकांड की याद दिला दी है। कोटा के नामी कॉचिंग सेंटर में भी फायर सेफटी के इंतजाम नहीं होने से बडी संख्या में छात्रों ने बिल्डिंग से कूद कर अपनी जान बचाई थी।
जिला प्रशासन को भी अब इस घटना के बाद अजमेर के सभी स्कूल बिल्डिंगों, ऑफिस, मॉल आदि में फायर सेफृटी के इंतजाम को जांचने की आवश्यकता है। एडीए और नगर निगम के अधिकारी पूरी जांच किए बगैर नक्शा पास कर देते हैं।
इनका कहना है – सतगुरु बिल्डिंग में अकाउंट का काम देखने वाले विजय ने बताया कि पहली मंजिल पर कॉल सेंटर चलता है जहां डेढ सौ लोग काम करते हैं। नीचे स्कूल में छोटे बच्चे पढते हैं लेकिन सौभाग्यवश उस समय बच्चों को छुटटी हो चुकी थी।