खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पौष्टिक अनाज पर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
अजमेर :27 फरवरी 2025
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पौष्टिक अनाज पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 को अर्न्तराष्ट्रीय पोषण अनाज वर्ष घोषित किया गया हैं। इस अवसर पर पोषक अनाजों के उत्पादन में वृद्धि, मुल्य संवर्धन, मूल्य सवंर्धित उत्पादों के घरेलू उपभोग में वृद्धि आदि के संबंध में जागरूकता लाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-25 में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पौष्टिक अनाज योजनान्तर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को कृषि विभाग के आत्मा सभागार में आयोजित हुआ। इसमें जिलें भर से 115 से अधिक प्रगतिशील किसान, मिलेट्स से संबंधित स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, स्वयंसेवी संस्था, जनप्रतिनिधी, मिलेट उद्यमी एवं विभागीय अधिकारियों तथा कार्मिकों ने भाग लिया।
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उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में बीजेपी अजमेर देहात अध्यक्ष जीतमल प्रजापत, हंसराज चौधरी एवं कृषि अनुसंधान अधिकारी नरेन्द्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को राजस्थान में श्री अन्न उत्पादन पर लघु वीडियो क्लिप्स भी प्रदर्शित की गई। जीतमल प्रजापत ने अपने संबोधन में मिलेट्स की विशेषताओं के बारे में बताया। प्राचीन काल से इसके उपयोग और महत्व की और ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय कदन्न वर्ष मनाने का प्रस्ताव रखा। लगभग 72 देशों ने इस रचनात्मक प्रस्ताव का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। कदन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और का कदन्न वर्ष का प्रस्तावक होने के नाते भारत कदन्न को पुनर्जीवित कर अन्य देशों में वैश्विक बाजारों की उभरती मांग का लाभ उठाने के लिए कदन्नों की मूल्य श्रृंखला को बठाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हैं। कदन्न छोटे बीज वाली वार्षिक घासों का समूह है। ये शुष्क क्षेत्रों में अनाज के रूप में उगाई जाती हैं। ज्वार, बाजरा, रागी और माइनर मिल्लेट्स (सांवा, चीना, कंगनी, कोदों और कुटकी) जैसी फसलों के समूह पौष्टिक अनाज की श्रेणी में आते है।
प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. धर्मेन्द्र सिंह भाटी ने मिलेट्स खेती के व्यवसायीकरण पर जोर देने के लिये आग्रह किया। कृषि अनुसंधान अधिकारी उपवन शंकर गुप्ता ने मिलेट्स की उन्नत कृषि तकनिकी की जानकारी दी। आहार एवं पोषण विशेषज्ञ रश्मि सिंह ने मिलेट्स की मूल्य संवर्धनों एवं न्यूट्रिशनल वैल्यूज के बारे में विस्तृत जानकरी उपलब्ध कराई गई। मौके पर विभिन्न मिलेटस के प्रोडक्ट्स व उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। इनका विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन भी किया गया।
कृषक विकास संस्थान के सीईओ श्री जितेन्द्र चतुर्वेदी एवं इनके सहयोगी अनिरूद्व दाधीच ने प्रधानमंत्राी सूक्ष्म खाद्य उद्योग के बारे में जानकारी दी। ग्रामीण महिला विकास संस्थान के रणजीत जाट ने खारडा कृषक समृ़ि़़द्व एफपीओ के माध्यम से संचालित बाजरा प्रसंस्करण युनिट एवं उत्पाद विक्रय केन्द्र के बारे में जानकारी दी। जिला प्रबंधक राजिविका जैबा शाहिद ने मिलेट्स के संदर्भ में कृषि सखियों द्वारा संचालित कार्योे के बारे में सभी को जानकारी दी। सभी प्रतिभागियों ने अल्पाहार तथा दोपहर के भोजन में मिल्लेट्स के व्यंजनों का स्वाद चखा।
इस मौके पर नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक शिल्पी जैन, उपनिदेशक कृषि मनोज शर्मा, डॉ के.जी छीपा, रमेश चन्द टांक, उषा चितारा, सहायक निदेशक कृषि डॉ सौरभ गर्ग, रामनिवास जांगिड, शिव लाल यादव, कृषि अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, सोनू गेट, आदिति माथुर, कृषि अनुसन्धान अधिकारी टीकम चंद रैगर इत्यादि कृषि विभाग के अधिकारी व कार्मिक मौजूद रहे। गरिमा दीक्षित द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।