Tuesday, July 1, 2025
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सितारों से आगे जहां और भी हैं अजमेर की बेटी दिव्यज्योति आईआईटी मद्रास में भौतिकी विषय में पीएचडी से सम्मानित

अजमेर की बेटी दिव्यज्योति की आईआईटी मद्रास द्वारा डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें यह उपाधि भौतिकी में ग्रेविटेशनल वेव्स (गुरूत्वाकर्षण तरंगों) पर अनुसंधान करने के लिए प्रदान की गई। ये गुरुत्वाकर्षण तरंगें सूर्य से भी कई गुना अधिक घनत्व वाले पिंड एक दूसरे से टकराने पर पैदा होती हैं।

डॉ. दिव्यज्योति के अनुसंधान का मुख्य बिंदु इन तरंगों के संकेतों का पता लगाना तथा विश्लेषण करना रहा। विशेष बात यह रही कि डॉ. दिव्यज्योति को उनके बहतरीन अनुसंधान के लिए आईआईटी में इंस्टीट्यूट रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपना अनुसंधान साढ़े चार वर्ष में ही पूर्ण कर लिया। इस उपलब्धि के कारण इन्हें आईआईटी मद्रास द्वारा पोस्ट डॉक्टोरल इक्विवेलेंट फैलो की उपाधि भी मिली। गौरतलब है कि अमूमन आईआईटी में भौतिकी के क्षेत्रा में अनुसंधान छः वर्षों से पूर्व पूरा नहीं हो पाता है जबकि निर्धारित अवधि पांच वर्ष की होती है।

डॉ. दिव्यज्योति अंतर्राष्ट्रीय लाइगो (लेजर इन्रफेरोमीटर ग्रेवीटेशनल वेव्स ऑब्जर्वेटरी) की सम्मानित सदस्या हैं। इन्होंने अनेक बार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कान्फ्रेंस में अपने पेपर प्रस्तुत किए हैं। इनमें आईआईटी मद्रास, आईसीटीसी बंगालुरू, आईआईएसईआर कोलकाता, बर्मिंघम व कार्डिफन और यूएएए शामिल हैं।

ज्ञातव्य है कि दिव्यज्योति ने अपनी स्कूली शिक्षा मयूर स्कूल अजमेर तथा ओमेगा इंटरनेशनल स्कूल चेन्नई से प्राप्त की। इनके पिता व मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. विकास सक्सेना ने बताया कि दिव्यज्योति को बचपन से ही रात्रि, आकाश और सितारे आकर्षित करते थे और वे लोग नक्षत्रों की पहचान व स्काय-मैप पर चर्चा किया करते थे। बढ़ती उम्र में शैक्षिक प्रगति प्राप्त होने के साथ-साथ दिव्यज्योति द्वारा रचित साइन्स फिक्शन कहानियाँ पुरस्कृत हुईं व उनका प्रकाशन सीएसआईआर की साइंस रिपोर्टर पत्रिका में भी हुआ। गुरूत्वाकर्षण तरंगों पर देश विदेश में कार्य चल रहा है। डॉ. दिव्यज्योति का अनुसंधान इसका अभिन्न अंग है। अतः आगे के कार्य हेतु वे रिसर्च असोसिएट के रूप में कार्डिफ, ब्रिटेन जा रही हैं । इनके पति मुकेश कुमार सिंह भी भौतिक शास्त्राी हैं। डॉ. दिव्यज्योति ने स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों में एस्ट्रोफिजिक्स में रुचि जगाने के लिए अनेक सत्रा लिए हैं। वे विज्ञान के साथ गायन, सितार वादन, राइफल शूटिंग, शतरंज तथा वाद विवाद में रुचि रखती हैं।

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